होगी कितनी चाहत उस दिल में खफा पर शायरी, गिला शिकवा << मैं बद-नसीब हूँ मुझ को न ... शिकवा करने गये थे और इबाद... >> होगी कितनी चाहत उस दिल में,जो खुद ही मान जाये कुछ पल खफा होने के बाद! Share on: